कर्नाटक के कोप्पल जिले के हुलीगम्मा मंदिर में एक 21 वर्षीय महिला को देवदासी बनने के लिए मजबूर करने के आरोप में उसके माता-पिता को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने उसे देवदासी प्रथा में धकेल दिया क्योंकि वह बार-बार बीमार पड़ रही थी, जिसे वे भगवान का श्राप मानते थे। दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है।
माता-पिता अपनी बेटी को सात महीने पहले हुलीगम्मा मंदिर ले गए थे और उसे देवदासी प्रथा के लिए मजबूर कर दिया था, जिससे यह सुनिश्चित हो गया कि उसने अपना शेष जीवन मंदिर के देवता की पूजा और सेवा के लिए समर्पित कर दिया।
घटना का पता तब चला जब ग्रामीणों ने महिला एवं बाल कल्याण विकास विभाग और समाज कल्याण विभाग को इसकी सूचना दी। एक बैठक में दलित समुदाय के नेताओं ने भी इस मामले को उनके ध्यान में लाया।
देवदासी पुनर्वास परियोजना की प्रभारी जिला योजना अधिकारी पूर्णिमा योलभवी ने गांव और उस स्थान का दौरा किया जहां देवदासी की घटना हुई थी और जांच की कि युवती देवदासी प्रथा के अधीन है या नहीं।
परिवार के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।